एक रेगिस्तान में दो यात्री भटक गये। भूख प्यास और गर्मी से बेहाल। तीन चार दिन में लगने लगा कि अब जिन्दा नही बचेंगे। तभी एक को छोटा सा पर्वत नजर आया। पर्वत के बीच एक संकरी दरार में से झांक कर देखा। दूसरी और एक सुन्दर घाटी थी। उसमे साफ पानी का झरना था ,नरम घास थी ,मीठे फलों के पेड़ थे।
उनमे से एक तो तुरंत पहाड़ी पर चढ़ा और दूसरी तरफ उतर गया। दूसरे ने भी घाटी में जाकर थोडा पानी पिया और पहाड़ी चढ़ कर वापस रेगिस्तान में आ गया ताकि भूख प्यास से बेहाल दूसरे भटके यात्रियों को घाटी का रास्ता बता सके।
उनमे से एक तो तुरंत पहाड़ी पर चढ़ा और दूसरी तरफ उतर गया। दूसरे ने भी घाटी में जाकर थोडा पानी पिया और पहाड़ी चढ़ कर वापस रेगिस्तान में आ गया ताकि भूख प्यास से बेहाल दूसरे भटके यात्रियों को घाटी का रास्ता बता सके।
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